भोपाल । लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर पूरे देश में आचार संहिता लागू है। इसके हटने के बाद प्रदेश में बड़ी प्रशासनिक सर्जरी की तैयारी है। प्रदेश में बड़े स्तर पर मंत्रालय से लेकर जिलों तक अधिकारियों को इधर से उधर किया जा सकता है। इसमें उनके काम की समीक्षा को आधार बनाया जाएगा। डॉ. मोहन यादव सरकार अगले साढ़े चार साल विकास कार्यों को गति देने की रणनीति पर काम करेगी। इसके लिए बेहतर रिजल्ट देने वाले अधिकारियों को आगे बढ़ाया जाएगा। इसके लिए बेहतर परफॉर्मेंस और तेजतर्रार अधिकारियों को कमान देगी। वहीं, खराब प्रदर्शन और लंबे समय से फील्ड में जमे अधिकारियों को मंत्रालय में भेजा जाएगा। इसको लेकर मंत्रालय में मंथन भी शुरू हो गया है। मंत्रालय सूत्रों के अनुसार तेजतर्रार और बेहतर परफॉर्मेंस वाले अधिकारियों की सूची तैयार की जा रही है। इसमें अधिकारियों के  पिछले चार से पांच माह के काम की समीक्षा भी आधार होगी। वहीं, नए आईएएस और आईपीएस को सरकार फील्ड में तैनात कर सकती है। लोकसभा चुनाव से पहले सरकार ने जनवरी, फरवरी और मार्च में आयोग के निर्देश पर कई अधिकारियों को फील्ड में पोस्टिंग कर दी थी। अब सरकार अपनी रणनीति के तहत अधिकारियों की जमावट करेगी।
प्रदेश में अभी आदर्श आचार संहिता लागू है। इसमें ट्रांसफर से लेकर कई तरह के विकास कार्यों पर रोक लगी हुई है। अभी ट्रांसफर के अधिकार चुनाव आयोग के पास ही है। चार जून को चुनाव के परिणाम आने के बाद आचार संहिता हट जाएगी। इसके बाद सरकार के काम में तेजी आएगी।

भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस पर फोकस


सीएम ने पदभार संभालते ही अधिकारियों को भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस मोड में काम करने के निर्देश दिए थे। इससे जनता को समय पर और आसान प्रक्रिया से सेवाएं सुनिश्चित कराएं। इसको लेकर भी अभी तक के अधिकारियों के काम की समीक्षा की जाएगी।

संकल्प पत्र के क्रियान्वयन प्राथमिकता  


मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पदभार ग्रहण करते ही मंत्रालय में बैठक कर भाजपा के संकल्प पत्र की कॉपी देते हुए उसके क्रियान्वयन के लिए रोडमैप तैयार उसे लागू करने को कहा था। सरकार आने वाले समय में विकास पर डबल स्पीड से काम करने बढ़ेगी। इस आधार पर अधिकारियों की फील्ड में तैनाती की जाएगी।