फुटबॉल की दीवानगी तो पूरी दुनिया के सिर चढ़कर बोलती है। हालांकि, इस पर वैभव का तड़का तब लगा जब 12 साल की कड़ी मेहनत के बाद इस बार मध्य पूर्व के कतर को इसकी मेजबानी मिली। रेगिस्तान क्षेत्र में पहले फीफा विश्वकप में खाड़ी देशों के धन कुबेरों ने अपने खजाने खोल दिए और विश्व के सबसे बड़े खेल आयोजन पर खर्च कर डाले 30 हजार करोड़ (300 अरब) अमेरिकी डॉलर। एक अनुमान के मुताबिक, यह अब तक हुए कुल 21 फीफा विश्वकप आयोजनों पर खर्च हुई कुल राशि से भी अधिक है।
 
इससे पहले 2014 में ब्राजील ने सबसे अधिक 1500 करोड़ (15 अरब) डॉलर खर्च किए थे। यही नहीं यह राशि एशिया के शीर्ष दो अमीरों मुकेश अंबानी (9250 करोड़ डॉलर) और गौतम अदाणी (14070 करोड़ डॉलर) की कुल संपत्ति 23,320 करोड़ डॉलर से 6,680 करोड़ डॉलर अधिक है।हर बार की तरह इस बार टीमों को अलग-अलग शहरों में मैच खेलने के लिए नहीं जाना होगा। विश्वकप के सभी मैच दोहा की 31 मील की जमीन पर ही होंगे। इसके लिए दोहा के रेगिस्तान में ग्रीन फील्ड तैयार किया गया है।

इंग्लैंड ने ग्रुप बी के अपने पहले मुकाबले में ईरान को 6-2 के बड़े अंतर से पराजित किया। इंग्लैंड की ओर से जूड बेलिंघम (35वां मिनट), बुकायो साका (43 व 62वां मिनट), रहीम स्टर्लिंग (45+1), मार्कोस रशफोर्ड (71) और जे ग्रेलिश (89 वां मिनट) ने गोल किए। ईरान की ओर से दोनों गोल मेहदी तारेमी (65 वां मिनट और 90+13) ने किए। इसके अलावा ग्रुप ए के मैच में नीदरलैंड ने कोडी गाकपो (84) और डेवी क्लासेन (90+9) की मदद से सेनेगल को 2-0 से हराकर जीत से अपने अभियान की शुरुआत की।