भोपाल । मप्र में नगरीय निकाय चुनाव में मिली सफलता से आम आदमी पार्टी को संजीवनी मिली है। अब इस संजीवनी के आधार पर पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुट गई है। मिशन 2023 में सफलता पाने के लिए आम आदमी पार्टी ने हर विधानसभा सीट पर कम से कम 1300 कार्यकर्ता तैयार करने की रणनीति पर काम कर रही है। इसके लिए पार्टी ने पूरे प्रदेश में वालेंटियर मैपिंग शुरू कर दी है। ये कार्यकर्ता पार्टी के लिए आधार तैयार करेंगे। इन्हीं कार्यकर्ताओं से मिल फीडबैक के आधार पर पार्टी प्रत्याशी का भी चयन करेगी। गौरतलब है कि दिल्ली और पंजाब में सरकार बनाने के बाद आम आदमी पार्टी ने अब मप्र में 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर ताकत झोंंक दी है। पार्टी ने पूरे प्रदेश में वालेंटियर मैपिंग शुरू की है। इसमें नए कार्यकर्ताओं को जोड़ा जा रहा है। अभी तक 60 हजार कार्यकर्ता बनाए गए हैं। विधानसभा चुनाव के पहले तक तीन लाख कार्यकर्ता बनाने का लक्ष्य पार्टी ने तय किया है। पार्टी प्रदेश की सभी 230 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी।

बेदाग और ईमानदार को मिलेगा टिकट
पार्टी के प्रदेश प्रभारी मुकेश गोयल ने बताया कि विधानसभा चुनाव में उन्हीं उम्मीदवारों को टिकट दिया जाएगा जिन पर किसी तरह के आरोप नहीं है। छवि अच्छी है। साथ ही जनता में अच्छी पकड़ है। यह भी कोशिश की जाएगी कि चुनाव से पहले उम्मीदवारों की घोषणा कर दी जाए जिससे उन्हें प्रचार करने का पर्याप्त मौका मिल सके। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में जनता तीसरे विकल्प के तौर पर आम आदमी पार्टी को देख रही है। भाजपा सरकार में घोटालों की वजह से प्रदेश की जनता नाराज है। कांग्रेस से इस कारण नाराज है कि उसके विधायकों को जनता ने जिताया और वह भाजपा में शामिल हो गए।

गांव स्तर तक कार्यकर्ता संवाद कार्यक्रम होंगे
आप के प्रदेश अध्यक्ष पंकज सिंह ने बताया प्रदेश मेें चार अगस्त से वालेंटियर मैपिंग का काम शुरू किया गया है। यह चुनाच तक चलेगा। इसमें पहले तो प्रदेश को सात जोनों में बांटकर कार्यकर्ता संवाद कार्यक्रम आयोजित किए गए। इसके बाद जिला स्तर, गांव स्तर तक इस तरह के संवाद होंगे। पार्टी की सदस्यता नि:शुल्क दी जाती है। फिलहाल पार्टी के सामने कई चुनौतियां हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में पार्टी का नेटवर्क बहुत कमजोर है। शहरी क्षेत्रों में चार से पांच साल पहले पार्टी से कई बड़े चेहर जुड़े थे, लेकिन इनमें कई या तो पार्टी छोड़ चुके हैं या निष्क्रिय हैं। पार्टी में दूसरे दलों से आए लोग भी शामिल हो रहे हैं, जिसका पुराने कार्यकर्ता विरोध कर रहे हैं।

नगरीय निकाय चुनाव के बाद उत्साहित है पार्टी
हाल ही में प्रदेश में हुए नगरीय निकाय चुनावों सिंगरौली में आम आदमी पार्टी की रानी अग्रवाल महापौर चुनी गई हैं। यहां पर पांच पार्षद भी इसी पार्टी के हैं। इसके अलावा पूरे प्रदेश में 45 पार्षद भी नगर निगम और नगर पालिकाओं में इस पार्टी से जीते हैं। करीब 90 सीटों पर पार्षद पद में दूसरे नंबर पर आप रही हैै। भोपाल और बैरसिया में भी तीन वार्डों में आप प्रत्याशी दूसरे नंबर पर रहे। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की लोकप्रियता प्रदेश में तीसरा मोर्चा खड़ा करने की ओर इशारा कर रही है। आप पहले ही पंजाब चुनावों में अपने प्रदर्शन से सबको चौंका चुकी है। ऐसे में एमपी में कांग्रेस और भाजपा के लिए भी आम आदमी के बढ़ते कदम मुसीबत का सबब 2023 के विधानसभा चुनावों में बन सकते हैं। इतना ही नहीं आम आदमी पार्टी के नेताओं का दावा है कि जहां भी अरविंद केजरीवाल आएंगे, भाजपा और कांग्रेस का सफाया हो जाएगा। आम आदमी पार्टी ने साफ कर दिया है कि भाजपा और कांग्रेस के नाराज और असंतुष्ट नेता उसका दामन थामें तो पार्टी को कोई गुरेज नहीं है। वहीं टिकट ना मिलने से नाराज भाजपा और कांग्रेस के कद्दावर नेताओं के लिए भी एक विकल्प खुल गया है। इधर, कांग्रेस मध्यप्रदेश में आम आदमी पार्टी के उदय का कारण भाजपा सरकार को बता रही है। कांग्रेस का कहना है सरकार के प्रति लोगों की नाराजगी है इसलिए एक नए विकल्प के तौर पर मध्यप्रदेश में आम आदमी पार्टी तैयार हो रही है। जबकि, भाजपा का कहना है कि आम आदमी पार्टी दिल्ली और पंजाब का प्रदर्शन एमपी में नहीं दोहरा पाएगी। प्रदेश में मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच ही रहेगा।