मॉस्को । रूस के एक अधिकारी ने अमेरिका और उसके सहयोगियों पर आरोप लगाया कि वे देश को तोड़ने के लिए प्रोत्साहन रहे हैं। उन्होंने आगाह किया कि इस तरह की कोई भी प्रयास सर्व विनाश की ओर ले जाएगा। रूसी सुरक्षा परिषद के उप सचिव दिमित्री मेदवदेव ने पश्चिम को चेतावनी दी कि रूस को विघटन की ओर धकेलने की कोई भी कोशिश मौत से खेलने जैसी साबित होगी। रूसी सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष स्वयं राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन हैं। मेदवदेव वर्ष 2008 से 2012 तक रूस के राष्ट्रपति थे। उस समय कार्यकाल की सीमा के कारण पुतिन को प्रधानमंत्री पद संभालना पड़ा था। मेदवदेव को पश्चिमी देश पुतिन के मुकाबले अधिक उदार मानते हैं। हालांकि, ‎पिछले महीनों में उन्होंने जिस तरह से विभिन्न मुद्दों पर टिप्पणी की है, उससे वह क्रेमलिन के अन्य अधिकारियों से कहीं अधिक कठोर प्रतीत होते हैं। माना जा रहा है कि उनका रुख पुतिन के प्रति अधिक निष्ठावान साबित करने की कोशिश है। मेदवदेव ने पूर्व सोवियत संघ नेता मिखाइल गोर्बाचेव की श्रद्धांजलि सभा में शामिल होने के बाद अपने मैसेजिंग ऐप चैनल पर की गई पोस्ट में वर्ष 1991 के सोवियत संघके विघटना का संदर्भ देते हुए आरोप लगाया कि अमेरिका और उसके साझेदार रूस को भी विभाजित करने की साजिश रच रहे हैं।
मेदवदेव ने आरोप लगाया कि पश्चिम में मौजूद कुछ लोग यूक्रेन में जारी सैन्य संघर्ष का लाभ नए सिरे से देश को विघटन की ओर धकेलने में उठा सकते हैं। वे रूस की संस्थाओं को निष्क्रिय करने और देश पर प्रभावी नियंत्रण को कमजोर करने के लिए सबकुछ कर सकते हैं, जैसा वर्ष 1991 में हुआ। उन्होंने कहा ‎कि ऐसे विकृत लोग हैं जो गंदे सपने देखते हैं, जो हमारे देश को तोड़ने के गुप्त विचार के साथ सोने जाते हैं और सोचते हैं कि कैसे हमें खंडित कर दें और टुकड़ों में बांट दें। ऐसी कोई भी कोशिश बहुत ही खतरनाक होगी और इसे कमतर कर नहीं आंकना चाहिए। ऐसा सपना देखने वाले इस बात को नजर अंदाज करते हैं कि पमराणु शक्ति को खंडित करना हमेशा मौत से खेलना होता है, जिसमें तय होता है कि शह और मात कब होगी, जो मानवता के लिए सर्व विनाश का दिन होगा। उन्होंने अपने संदेश के अंत में लिखा कि रूस के परमाणु अस्त्र, महान रूस की सुरक्षा के लिए सर्वोत्तम गारंटी है।