*पूर्व भाजपा जिला अध्यक्ष घासीराम पटेल का छलका दर्द, कहां भाजपा ने मुझे बहुत अपमानित करके भगाया*


विधानसभा चुनाव के ठीक पहले भाजपा को अलविदा कह के अपना इस्तीफा दे चुके भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व जिला अध्यक्ष घासीराम पटेल ने बीते रोज भोपाल में बसपा का दामन थाम लिया ,और अब उनके राजनगर विधानसभा क्षेत्र से बहुजन समाज पार्टी की टिकट से चुनाव लड़ने की बात सामने आ रही है, रविवार को जब घासीराम पटेल भोपाल से वापस खजुराहो रेलवे स्टेशन पहुंचे तो उनकी अगुवाई करने बहुजन समाज पार्टी के समर्थक व उनके समर्थकों का काफिला उमड पड़ा, गाड़ियों के काफिले के साथ घासीराम पटेल वापस अपने गृह निवास राजनगर पहुंचे, जब उनसे भाजपा छोड़ने और बसपा में शामिल होने के बारे में सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी से मैंने बहुत पहले इस्तीफ़ा दिया था, और इस्तीफा दिया नही भारतीय जनता पार्टी ने मुझे बहुत अपमानित करके एक तरीके से भगाया है। आपको बता दें कि भाजपा के पूर्व जिलाअध्यक्ष घासीराम पटेल राजनगर से टिकट की प्रबल दावेदारी कर रहे थे ,लेकिन पार्टी ने एक बार से 2018 के चुनाव में प्रत्याशी रहे भाजपा के जिला महामंत्री अरविंद पटेरिया पर भरोसा जताया और घासीराम को टिकट नहीं मिली, जिसके बाद से उन्होंने भाजपा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था ,और अब उनके बसपा में शामिल होने के बाद राजनगर विधानसभा क्षेत्र के सियासी गलियारों में उथल-पुथल का माहौल हो गया है ,राजनगर विधानसभा क्षेत्र में पटेल जाति के वोटर निर्णायक भूमिका में रहते हैं, वहीं बसपा का भी अपना एक वोट बैंक है ,जिसके चलते यह कहा जा सकता है कि अब राजनगर विधानसभा के चुनाव में त्रिकोणीय संघर्ष होगा , यहां यह भी बताते चलें कि यह पहली बार नहीं है जब घासीराम पटेल ने भाजपा से बगावत करके चुनाव लड़ने के लिए सोचा हो पूर्व में भी नब्बे के दशक में घासीराम पटेल टिकट न मिलने से नाराज होकर निर्दलीय चुनावी मैदान में उतर चुके हैं,और उन्हें बुरी तरह से  शिकस्त मिली थी।

वैसे तो बहुजन समाज पार्टी ने लगभग एक माह पहले ही रामराजा पाठक को राजनगर विधानसभा क्षेत्र से अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया था, लेकिन अब यह माना जा रहा है कि उनकी टिकट कटना लगभग तय है और बसपा से घासीराम पटेल ही राजनगर विधानसभा के लिए प्रत्याशी होंगे, इसके अलावा भाजपा और समाजवादी पार्टी पहले ही अपने उम्मीदवार घोषित कर चुकी है, वहीं कांग्रेस के उम्मीदवार की घोषणा होना अभी बाकी है, जिसमें वर्तमान विधायक विक्रम सिंह नाती राजा व पूर्व विधायक शंकर प्रताप सिंह मुन्ना राजा के बेटे सिद्धार्थ सिंह बुंदेला की प्रबल दावेदारी माने जा रही है, कांग्रेस की टिकट डिक्लेयर होने के बाद एक बार फिर सियासी समीकरण बदलते नजर आएंगे, वही घासीराम पटेल के समर्थकों में भाजपा के कुछ नेताओं के नाम भी शामिल हैं, जहां उनकी अगुवाई करने भाजपा नेता गोविंद सिंह टुरया पहुंचे थे ,वहीं उनके निवास पर कई भाजपा नेता मिलने पहुंचे हैं, ऐसे में यह भी कहा जा सकता है कि भाजपा में गुटबाजी और अंतरकलह जमकर है जो भाजपा के लिए अच्छे संकेत नहीं दे रही है, अगर कांग्रेस की बात की जाए तो वहां भी कांग्रेस के दो धड़े सामने दिखाई दे रहे हैं, विक्रम सिंह नाती राजा और पूर्व विधायक शंकर प्रताप सिंह मुन्ना राजा प्रतिद्वंदी है और अगर शंकर प्रताप सिंह मुन्ना राजा के बेटे को टिकट नहीं मिली तो कांग्रेस में भी बगावत के स्वर बुलंद हो सकते हैं, जिसके संकेत राजनगर में कांग्रेस की जनाक्रोश यात्रा में दोनों कांग्रेस नेताओं के समर्थकों के बीच हुआ विवाद और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से पूर्व विधायक मुन्ना राजा और उनके बेटे के मुलाकात की तस्वीर वायरल होने के बाद मिल चुके हैं ।
 बहरहाल राजनगर विधानसभा क्षेत्र में इस बार किस पार्टी में  कितना आंतरिक विरोध होता है और आखिर राजनगर में कौन राज करता है यह आगामी सियासी हालात और जनता जनार्दन तय करेगी लेकिन इतना जरूर कह सकते हैं कि बसपा से घासीराम पटेल के मैदान में उतरने के बाद राजनगर विधानसभा में दिलचस्प त्रिकोणीय मुकाबला होने की पूरी उम्मीद है