नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नामीबिया से लाए गए चीतों को मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में आजाद कर दिया। इन्हें सुबह वायु सेना के हेलिकॉप्टरों चिनूक से ग्वालियर एयर फोर्स स्टेशन से कुनो नेशनल पार्क ले जाया गया था। इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि पर्यटकों और उत्साही लोगों को जंगल में चीतों को देखने के लिए अभी कुछ महीने इंतजार करना होगा। उन्होंने कहा कि जानवरों को अपने नए घर में ढलने के लिए कुछ समय चाहिए। इतना ही नहीं उन्होंने कांग्रेस के दावों पर भी पलटवार किया है। उन्होंने कहा, प्रोजेक्ट चीता' पर्यावरण और वन्यजीव संरक्षण की दिशा में हमारा प्रयास है। विशेषज्ञों द्वारा विस्तृत अध्ययन के बाद कूनो राष्ट्रीय उद्यान को चीतों की रिहाई के लिए चुना गया है।
इसके पहले कांग्रेस पार्टी ने दावा किया कि 'प्रोजेक्ट चीता' के प्रस्ताव को मनमोहन सिंह की सरकार के शासनकाल में स्वीकृति मिली थी। कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल के जरिए ट्वीट कर कहा, प्रोजेक्ट चीता का प्रस्ताव 2008-09 में तैयार हुआ। मनमोहन जी की सरकार ने इस स्वीकृति दी। अप्रैल 2010 में तत्कालीन वन एवं पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश जी अफ्रीका के चीता आउट रीच सेंटर गए। उन्होंने कहा कि 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने प्रोजेक्ट पर रोक लगाई, 2020 में रोक हटी और चीते आएंगे।'
छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले के साल वन में 1947 में आखिरी बार चीता देखा गया था। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि अत्यधिक शिकार के कारण देश में विलुप्त हो चुके चीते को वापस लाकर भारत पारिस्थितिकी असंतुलन को दूर कर रहा है। अधिकारियों ने बताया कि पांच मादा और तीन नर चीतों को नामीबिया की राजधानी विंडहोक से विशेष मालवाहक विमान बोइंग 747-400 के द्वारा ग्वालियर हवाई अड्डे पर लाए गए। पहले इन चीतों को जयपुर लाया जाना था।