कवर्धा कलेक्टर जनमेजय महोबे ने शनिवार को भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाने के पास बन रहे प्रदेश के सबसे बड़े और पहले एथेनॉल प्लांट का निरीक्षण किया। कलेक्टर  जनमेजय महोबे ने कृषि पर आधारित एथेनॉल प्लांट के निर्माण कार्यों में और तेजी लाने और समय-सीमा के भीतर इसका निर्माण कार्य पूरा करने के निर्देश दिए। इस पर एनकेजे बॉयोफ्यूल के तकनीकी अधिकारियों ने बताया कि आगामी नववर्ष तक निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा।

छत्तीसगढ़ सरकार कबीरधाम जिले में प्रदेश के सबसे बड़े और पहले एथेनॉल प्लांट की स्थापना कर रही है। कृषि पर आधारित एथेनॉल प्लांट भूपेश सरकार की प्राथमिक योजनाओं में शामिल है। PPP मॉडल से स्थापित होने वाला ये देश का पहला एथेनॉल प्लांट है। इसके लिए भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना की खाली 35 एकड़ जमीन को चिन्हांकित किया गया है। कलेक्टर ने इसके बाद भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाने में चल रहे मेंटेनेंस कार्यों का भी निरीक्षण किया। इस दौरान भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना के महाप्रबंधक भूपेंद्र ठाकुर मौजूद रहे।

इसके लिए भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाने और छत्तीसगढ़ डिस्टीलरी लिमिटेड की सहायक इकाई एनकेजे बॉयोफ्यूल लिमिटेड के बीच अनुबंध हुआ है। कलेक्टर जनमेजय महोबे ने कहा कि एथेनॉल संयंत्र की स्थापना से क्षेत्र में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होंगे और यहां आर्थिक समृद्धि आएगी। किसानों को गन्ना मूल्य का समय पर भुगतान सुनिश्चित होगा।