नई दिल्ली | देश की ई-काॅमर्स कंपनियों को जल्द ही अपने उत्पादों की फेक रिव्यू डालने के कारण जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है। सरकार से जुड़े सूत्रों के मुताबिक इससे जुड़े गाइडलाइन को अंतिम रूप दिया जा रहा है। सरकार के एक उच्च पदस्थ सूत्र के मुताबिक उपभोक्ता मामलों के विभाग ने इस बारे में एक कमिटी बनाई है जो फेक रिव्यू से जुड़े नियमों को अंतिम देने की तैयारी कर रही हैे। इन नियमों को वर्ष 2021 में बीआईएस की ओर से वर्ष 2021 में बनाया गया था।सरकार से जुड़े जानकारों के मुताबिक फर्जी प्रोडक्ट रिव्यू पर रोक लगाने के लिए सरकार गंभीर है। सरकार पैसे देकर पॉजिटिव रिव्यू और फाइव स्टार रेटिंग पर जुर्माना लगाने पर विचार कर रही है। माना जा रहा है कि दूसरी कंपनियों के प्रोडक्ट की निगेटिव रिव्यू कराने पर भी कार्रवाई होगी। अगर ऐसा जान-बूझकर किया जा रहा है तो आरोपित कंपनी पर दस से पंद्रह लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। ऐसे मामलों में सीसीपीए स्वतः संज्ञान लेकर कार्रवाई कर सकता है।बता दें कि ऑनलाइन कारोबार में फर्जी रिव्यू लिखाना और लिखवाना एक बड़ी समस्या है। कंनियां अपनी सुरक्षा के लिए तो कई उपाय कर रही हैं पर ग्राहकों के लिए इससे बचने का कोई तरीका उपलब्ध नहीं है।