भोपाल। रेलवे ट्रैक पर अचानक किसी ट्रेन के सामने जानवर आ जाने से हादसे हो जाते हैं। इसके अलावा ट्रेनों में पत्थर मारने की घटनाएं भी बढ़ गई हैं। साथ ही लोग, खासकर युवा भी ट्रैक पर वीडियो बनाते हैं। इससे हर समय रेल हादसे का डर बना रहता है। इसी को ध्यान में रखते हुए पश्चिम-मध्य रेलवे भोपाल से विदिशा के बीच ट्रैक के दोनों ओर दीवार बना रहा है। इससे हादसे भी कम होंगे, साथ ही ट्रेनें भी सुरक्षित रहेंगी। भोपाल मंडल के तीन खंड में ट्रैक के दोनों ओर दीवार बनाई जा रही है। इसमें भोपाल से बीना, भोपाल से इटारसी और इटारसी से खंडवा के बीच 180 किलोमीटर की कुल दीवार तैयार की जाएगी। अब तक 120 किलोमीटर की दीवार बनाई जा चुकी है।

रेलवे ट्रैक के बाजू में बन रही 180 किमी लंबी दीवार

वंदे भारत और शताब्दी जैसी हाइस्पीडे ट्रेनों की रफ्तार में अक्सर जानवर बाधक बनकर रेल पटरी के बीच आ जाते हैं। ऐसी ट्रेनों से टकराकर जानवर मर जाते हैं, जिस कारण ट्रेनों की रफ्तार बाधित होती है। शताब्दी एक्सप्रेस दिल्ली से भोपाल के बीच 130 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से दौड़ती है। कई बार ट्रेनों के इंजन में जानवर फंस जाते हैं, जिन्हें निकालने के लिए एक-एक घंटे ट्रेन ट्रैक पर ही खड़ी रहती है। इससे ट्रेनें लेट हो जाती हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए रेलवे ट्रैक के किनारे दीवार खड़ी की जा रही है।

गांव के जानवर भी आ जाते हैं ट्रैक पर


वन्यप्राणियों के साथ रेलवे ट्रैक के किनारे बसे गांवों के जानवर भी अक्सर रेल ट्रैक पर आ जाते हैं। ऐसे में हादसा होने पर लोको पायलट को स्वयं ट्रैक क्लियर करना पड़ता है। इससे ट्रेनें काफी लेट हो जाती हैं। इसका खामियाजा रेलवे व ट्रेन में सफर करने वाले यात्रियों को भुगतना पड़ता है।