नई दिल्ली । दिल्ली सरकार में चल रहे आरोप प्रत्यारोप के बीच दिल्ली सरकार में स्वास्थ्य मंत्री के सचिव पर तिहाड़ जेल में तैनाती के दौरान आरोपियों को रियायत देने के बदले रिश्वत में सस्ते में लग्जरी फ्लैट लेने का आरोप लगा है। यह आरोप लगने पर दिल्ली के सतर्कता निदेशालय ने जेल प्रशासन को पत्र लिखा है और इस मामले में विस्तार से रिपोर्ट मांगी है। उधर स्वास्थ्य मंत्री के सचिव ओ पी मिश्रा ने इस आरोप को झूठा, मनगढंत और उनकी छवि खराब करने वाला बताया है। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज के सचिव ओम प्रकाश मिश्रा की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। सतर्कता निदेशालय ने अब ओपी मिश्रा के खिलाफ 2002 से जुड़े एक मामले में जांच पड़ताल शुरू की है, यह उस समय का मामला है कि जब वह तिहाड़ जेल में अधीक्षक थे। उन पर तिहाड़ जेल के कैदियों को वीआईपी ट्रीटमेंट देने की एवज में कथित तौर पर भ्रष्टाचार कर लग्जरी फ्लैट खरीदने के गंभीर आरोप लगे हैं। इस संबंध में दिल्ली सरकार के सतर्कता निदेशालय ने तिहाड़ के महानिदेशक को एक पत्र लिखकर सात दिन में रिपोर्ट मांगी है। सतर्कता निदेशालय के सहायक निदेशक की ओर से सीनियर दानिक्स अधिकारी मिश्रा के खिलाफ मिली शिकायत का हवाला देते हुए तिहाड़ जेल महानिदेशक सतीश गोलचा को पत्र लिखकर ब्यौरा मांगा गया है। मिश्रा पर आरोप है कि तिहाड़ अधीक्षक पद पर रहते हुए कैदियों को वीआईपी ट्रीटमेंट देकर भ्रष्ट तरीकों से दो लग्जरी फ्लैट खरीदे हैं। आरोप है कि उनके कार्यकाल के दौरान एक कंपनी के कुछ कर्मचारियों को तिहाड़ जेल में विचाराधीन कैदी के रूप में बंद रहने के दौरान वीआईपी ट्रीटमेंट दिया गया था। मिश्रा ने इस कंपनी के कर्मचारियों की जमानत याचिकाओं में भी कथित तौर पर पूरी मदद की थी और जेल में रहते हुए उनको वह सभी सुविधाएं मुहैया करने में सहायता की थी, जो वीआईपी सुविधाएं होती हैं।