भोपाल । लोग पहले से ही महंगी चीजों से परेशान थे। लेकिन अब जीएसटी ने लोगों की मुश्किल को बढ़ा दिया है। क्योंकि तकरीबन सभी वस्तुएं जीएसटी के दायरे में आ गई हैंं। ऐसे में आम लोगों पर इसका असर पडऩा शुरू हो गया है। जीएसटी की वजह से हर घर का खच्र 10 से 15 फीसद बढ़ गया है। जबकि इस अनुपात में लोगों की आय नहीं बढ़ी है। हाल ही में सरकार ने प्रीपैक्ड प्रोडक्ट पर 5 फीसदी जीएसटी लागू किया है। पहली बार चावल और आटा के साथ डेयरी प्रोडक्ट दही, लस्सी, छाछ व घी जैसी चीजों को जीएसटी के दायरे में लाने से लोग परेशान हो गए हैं। जीएसटी के दायरे में आने से स्टेशनरी की कीमतों में काफी इजाफा हो गया है। 10 रुपए में मिलने वाला पेन अब 15 रुपए में बिक रहा है। साथ ही पेंसिल, कॉपी यहां तक कि सेलो टेप भी महंगा हो गया है। 12 से 18 फीसदी तक जीएसटी लगने से स्टेशनरी प्रोडक्ट के दाम 25 से 30 फीसदी तक बढ़ चुके हैं। स्टेशनरियों कारोबारियों का कहना है कंपनियों ने दाम बढ़ा दिए हैं। स्टेशनरी का सामान महंगा होने से आमजन की परेशानियां बढ़ गई हैं और वे लिमिटेड सामान ही खरीद रहे हैं।

प्रॉडक्ट मेकर भी कर रह हैं मनमानी
प्रीपैक्ड प्रोडक्ट पर 5 फीसदी जीएसटी के नए नियम के बाद कई लोगों ने ब्रांडेड पैक्ड फूड प्रोडक्ट के दाम बढ़ाने की आड़ में खुले माल को भी जीएसटी के नाम पर महंगा कर बेचना शुरू कर दिया है। ऐसे में लोग ठगे जा रहे हैं।

बिना ब्रांड वाली चीजों का उपयोग घरों में अधिक
18 जुलाई से प्रीपैक्ड प्रोडक्ट पर 5 फीसदी जीएसटी लागू कर दिया गया था। इसके बाद सभी कंपनियों ने अपने प्रोडक्ट के रेट बढ़ा दिए। केवल 15 फीसदी आबादी ही बड़े ब्रांड के सामान का उपयोग करती है। बाकी 85 फीसदी मिडिल व लोअर क्लास परिवार बिना ब्रांड या मार्का वाले प्रोडक्ट ही खरीदते हैं। ऐसे में सभी चीजों पर जीएसटी लगाने से बड़ी आबादी प्रभावित हो रही है।