भोपाल । राजधानी और उसके आसपास के इलाकों में अवैध कालोनियों का जाल बडी तेजी से फेलता जा रहा है। नगर निगम में आने वाले और उससे लगे क्षेत्र की कृषि भूमि पर कालोनाइजर टीएनसीपी सहित अन्य अनुमति लिए बिना ही मनमर्जी से प्लाट बेच रहे हैं। अवैध कालोनियों के खिलाफ जिला प्रशासन की कार्रवाई पूरी तरह से ठप पड़ी हुई है। नतीजा शहर की सीमाओं पर तेजी से अवैध कालोनियां पनप रही हैं।  जिले में लगभग 600 से अधिक अवैध कालोनियां विकसित हो गई हैं। इनमें कालोनाइजर दलालों के माध्यम से लोगों को मनमाने दाम पर प्लाट बेचकर रजिस्ट्री कराने के बाद पल्ला झाड़ लेते हैं। जबकि प्लाट बेचने के लिए वह बिजली, पानी, सीवेज, सड़क, नामांतरण, टीएनसीपी सहित अन्य सुविधाओं को देने का दावा करते हैं। बता दें कि पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने भी अवैध कालोनियों को शहरी विकास में बाधा बताया है। शहर में अवैध प्लाटिंग प्रमुख रूप से उन सड़कों पर की जा रही है जहां नगर निगम सीमा समाप्त होने के साथ ही ग्रामीण क्षेत्र लगा हुआ है। इनमें बैरसिया, कोलार, रातीबड़, चिकलौद, रायसेन, विदिशा, खजूरी, परवलिया, होशंगाबाद आदि सड़के शामिल हैं। यहां खेती की भूमि कालोनाइजर प्लाटिंग कर रहे हैं। इसके लिए वह अपने मन से ही कालोनी का नाम रख लेते हैं और अवैध प्लाटिंग शुरू कर देते हैं। इन सड़कों पर ऐसे ही मनमर्जी से नाम रखने वाले अवैध कालोनाइजर के तमाम दफ्तर बने हुए हैं। जिन्होंने लोगों को अपने झांसे में लेने के लिए दफ्तर के बाहर सड़कों पर 90 हजार, सवा लाख और डेढ़ लाख रुपये मात्र में प्लाट देने संबंधी बोर्ड और बैनर लगा रखे हैं। इसके बाद भी स्थानीय एसडीएम, तहसीलदार सहित अन्य जिम्मेदार अधिकारी इन पर किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। शहरी क्षेत्र में 150 और ग्रामीण क्षेत्र में 450 अवैध कालोनियां है। इनमें लाखों लोगों ने कालोनाइजर से प्लाट लेकर घर तो बना लिए हैं लेकिन उनके पास दस्तावेज के नाम पर सिर्फ रजिस्ट्री है। जबकि अन्य दस्तावेज नहीं हैं क्योंकि कालोनाइजर ने अवैध प्लाटिंग की है। पांच महीने पहले 100 अवैध कालोनाइजर के खिलाफ जिला प्रशासन ने एफआईआर दर्ज कराने के लिए नगर निगम काे सूची तक दी थी। इसके बाद कई कालोनियों पर कार्रवाई भी हुई थी। तात्कालीन संभागायुक्त कवींद्र कियावत ने इन कालोनियों में नल एवं बिजली कनेक्शन देने को भी मना कर दिया था। इस कार्रवाई के बाद से अब तक कोई बड़ी कार्रवाई नहीं की गई है। इस वजह से अवैध कालोनाइजरों के हौंसले बुलंद हैं। इस बारे में बैरसिया विधायक विष्णु खत्री का कहना है कि नगर निगम सीमा से लगे ग्रामीण क्षेत्र और उसमें आने वाले क्षेत्र में बड़ी संख्या में अवैध कालोनियां पनप रही हैं। इनमें बैरसिया रोड पर तो इनकी तेजी से संख्या बढ़ती जा रही है। इसमें सबसे बड़ी लापरवाही टीएनसीपी के अधिकारियों की है उनकी उदासीतना के कारण ही लोग अवैध प्लाटिंग कर रहे हैं। वहीं भोपाल कलेक्टर अविनाश लवानिया का कहना है कि शहर में पिछले महीनों में लगभग 100 से अधिक अवैध कालोनियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। बाकि अन्य को चिन्हित किया गया है, जल्द ही इनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।