दिल्ली की आबोहवा में पीएम 2.5 प्रदूषण का असर कितना खतरनाक हो चुका है, यह अमेरिकी हेल्थ इफेक्ट इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट में पता चलता है। रिपोर्ट के अनुसार, पीएम 2.5 प्रदूषण के कारण 2019 में दिल्ली और कोलकाता में प्रति एक लाख जनसंख्या पर 106 और 99 लोगों की मौत हो गई।2019 में दिल्ली में ने 110 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर की वार्षिक औसत पीएम 2.5 सांद्रता दर्ज की, जो दुनिया में सबसे अधिक आबादी वाले शहरों में सबसे ज्यादा है। इसके बाद कोलकाता 84 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के साथ दूसरे स्थान पर है।स्टेट ऑफ ग्लोबल एअर इनिशिएटिव द्वारा शहरों में वायु गुणवत्ता और स्वास्थ्य रिपोर्ट तैयार की गई है। रिपोर्ट 2010 से 2019 तक 7,239 शहरों में वायु प्रदूषण जोखिम और संबंधित स्वास्थ्य प्रभावों पर आंकड़े प्रस्तुत करती है।