दिल्ली हाई कोर्ट ने शुक्रवार को दिव्यांग एमबीबीएस डॉक्टर की याचिका पर सुनवाई करते हुए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान  के निदेशक को तीन विशेषज्ञों का एक बोर्ड गठित करने का निर्देश दिया। विशेषज्ञों की टीम याचिकाकर्ता की विकलांगता की जांच करेगी, जिन्हें हाल ही में शारीरिक रुप से असक्षम करार देते हुए चिकित्सा विज्ञान की पढ़ाई के लिए अपात्र करार दिया गया था।दरअसल, डॉ लक्ष्मी ने एमबीबीएस की पढ़ाई की है। वह आगे नीट के स्नातकोत्तर की में दाखिला लेना चाहती थी, लेकिन दिल्ली स्थित वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज और सफदरजंग अस्पताल ने 2 5 अगस्त को आयोजित नीट परीक्षा के लिए विकलांगता प्रमाण पत्र जारी करते हुए लक्ष्मी को 100% विकलांग घोषित कर दिया।