भोपाल । राजधानी में नगर निगम ने पानी के टैंकरों को दिए जाने वाले डीजल में कटौती कर दी है। इससे निगम को हर महीने तीस लाख रुपये की बचत हो रही है। डीजल में कटौती कर जलकार्य में लगे 80 वाहनों से प्रतिदिन एक हजार लीटर से अधिक डीजल बचाया जा रहा है। नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि गर्मियों में प्रत्येक वाटर टैंकर को प्रतिदिन 30 लीटर डीजल दिया जाता है। बरसात में जलकार्य विभाग की गाड़ियों से पानी पहुंचाने का काम आधा हो जाता है। ऐसे में इन गाड़ियों को रोजाना दिए जाने वाले डीजल की खपत नहीं हो पाती है। यही हाल उद्यान शाखा की गाड़ियों का है, जिन्हें बरसात के मौसम में लगभग न के बराबर पौधों को पानी देना पड़ रहा है। इसी को ध्यान में रखकर जलपूर्ति में लगे 60 और उद्यान कार्यों में लगे 20 टैंकरों के डीजल में कटौती की जा रही है। हालांकि बरसात खत्म होने के बाद पानी की मांग बढ़ने पर वाटर टैंकरों का डीजल फिर बढ़ा दिया जाएगा। उधर नगर निगम ने केंद्रीय कर्मशाला में एक टायर रिमोल्ड की यूनिट भी लगाई है। निगम द्वारा फिलहाल डंफर में रिमोल्ड टायर लगाकर उपयोग किया जा रहा है। अधिकारियों की मानें तो उनकी रिमोल्ड यूनिट बेहतर परिणाम दे इसके लिए पहली बार रिमोल्ड किए गए टायर एक डंपर में लगाए गए हैं। इसका अच्छा रिस्पांस अच्छा आ रहा है। ऐसी स्थिति में जल्द ही अन्य वाहनों में भी रिमोल्ड टायर का उपयोग बढ़ेगा। निगम द्वारा धीरे-धीरे ई व्हीकल प्रणाली अपनाने पर भी फोकस किया जा रहा है। निगम अधिकारियों की कोशिश है कि जल्द ही ई व्हीकल के जरिए कचरे उठाने की प्रक्रिया शुरू की जाए। इसके लिए कुछ वाहन जल्द ही केंद्रीय कर्मशाला के जरिए मंगवाने की पहल की जा रही है। निगम का तर्क है कि पर्यावरण को नुकसान न पहुंचे और ईंधन का उपयोग कम से कम हो इसी को ध्यान में रखकर ई व्हीकल पर भी ध्यान दिया जा रहा है। इस बारे में नगर निगम आयुक्त केवीएस चौधरी कोलसानी का कहना है कि नगर निगम बढ़ते खर्च को रोकने के लिए नित नए नवाचार कर रहा है। इसके लिए केंद्रीय कर्मशाला में रिमोल्डिंग मशीन लगाई गई, जिससे पुराने टायरों को पुन: उपयोग में लिया जा सके। वहीं ई व्हीकल की खरीदी पर भी फोकस किया जा रहा है। बरसात आने के बाद वाटर टैंकरों से भी ईंधन की बचत की जा रही है।