0-4 के बाद होगा अब 0-5. आप सोच रहे होंगे कि बांग्लादेश से टेस्ट सीरीज तो सिर्फ 2 मैचों की है तो फिर ये 0-4 या 0-5 का क्या मतलब है? ये मतलब दरअसल कप्तान शान मसूद के टेस्ट रिकॉर्ड से जुड़ा है, जो अगर और बिगड़ा तो समझ लीजिए, पाकिस्तान क्रिकेट टीम ने जो अब तक देखा है, उससे भी बुरा दिन देख सकता है. पाकिस्तान को रावलपिंडी में खेले पहले टेस्ट में बांग्लादेश के हाथों हार का मुंह देखना पड़ा था. उस हार के बाद पूरे पाकिस्तान में हाहाकार मचा. अहमद शहजाद ने तो यहां तक कह दिया उन्होंने पाकिस्तान क्रिकेट में इससे बुरा दिन नहीं देखा.

अब पाकिस्तान क्रिकेट ने अपना बुरा दिन देख लिया या अभी और देखना बाकी है, ये सबकुछ शान मसूद और बतौर कप्तान उनके टेस्ट रिकॉर्ड पर निर्भर करने वाला है. टेस्ट क्रिकेट में शान मसूद की कप्तानी का रिकॉर्ड बिल्कुल भी अच्छा नहीं है. उनकी जीत का प्रतिशत जीरो है. और, यही बात पाकिस्तान को टेंशन देने वाली है.

0-4 हो सकता है 0-5! शान मसूद का रिकॉर्ड खराब
शान मसूद ने अब तक 4 टेस्ट में पाकिस्तान की कप्तानी की है. और, उन चारों में ही पाकिस्तान को हार मिली है. यानी, उनकी कप्तानी में खेले टेस्ट मैचों में पाकिस्तान का रिकॉर्ड 0-4 का रहा है. अब अगर यही ट्रेंड आगे भी बरकरार रहा तो ये 0-5 भी हो सकता है. मतलब बांग्लादेश, जिसने पहली बार पाकिस्तान को टेस्ट मैच में हराने का कारनामा कर दिखाया है, उसने अगर दूसरा टेस्ट भी जीत लिया तो पाकिस्तान का सीरीज में क्लीन स्वीप हो जाएगा. और, फिर उससे बुरा दिन पाकिस्तान क्रिकेट के लिए शायद ही कुछ और हो सकता है.

शान मसूद को अहमद शहजाद की सलाह
यही वजह है कि अजहर महमूद ने खास तौर पर पाक टीम के कप्तान शान मसूद से अपील की है कि वो थोड़ी मैच्योरिटी दिखाए और अपनी हार के प्रोग्राम पर विराम लगाएं.

रावलपिंडी में ही दूसरा टेस्ट, क्या बदलेगा नतीजा?
पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच दूसरा टेस्ट भी 30 अगस्त से रावलपिंडी में ही खेला जाना है. यानी वहीं, जहां मेजबान पाकिस्तान पहला टेस्ट हारा और जीत दर्ज करते हुए बांग्लादेश ने इतिहास रचा था. रावलपिंडी में दूसरे टेस्ट के लिए भी पाकिस्तान घास वाली पिच ही तैयार करा रहा है. हो सकता है प्लेइंग इलेवन में स्पिनर्स को भी शामिल करे. यानी वो गलती ना करे जो पहले टेस्ट में की थी. लेकिन, क्या इन सबसे सीरीज के पहले टेस्ट में 10 विकेट से हारने वाले पाकिस्तान की तकदीर पलटेगी? क्योंकि, शान मसूद के आंकड़े तो कुछ और ही कहानी बयां कर रहे हैं.