राजधानी के निचले इलाकों में पानी भरने से लोग सड़क किनारे रहने के लिए मजबूर हैं। अक्षरधाम मंदिर क्षेत्र के आसपास लोग डेरा डाले हुए हैं। इससे प्रभावित एक निवासी ने बताया कि जहां हम रह रहे थे वहां पानी चार फीट की ऊंचाई तक पहुंच गया। हमें किसी ने नहीं बताया कि जल स्तर बढ़ रहा है। मैं एक नर्सरी में काम करता हूं, जहां भारी नुकसान हुआ है। बता दें कि ऊपरी जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश के बाद नदी शुक्रवार शाम करीब चार बजे 205.33 मीटर के खतरे के निशान को पार कर गई थी, जिसके बाद अधिकारियों को निचले इलाकों से करीब 7,000 लोगों को निकालना पड़ा। जब यमुना चेतावनी के स्तर को पार कर जाती है तो बाढ़ की चेतावनी घोषित कर दी जाती है, और बाढ़ के मैदानों और बाढ़ संभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को निकाला जाता है।