दिल्ली-एनसीआर में हवा की सेहत लगातार बदहाल स्थिति में है। रविवार सुबह दिल्ली की वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' श्रेणी में रही, सुबह राजधानी का औसत AQI 350 पर रहा। दिल्ली विश्वविद्यालय और पूसा इलाके का एक्यूआई क्रमशः 372 और 343 रहा। वहीं, शनिवार से दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण के स्तर को देखते हुए निर्माण और ध्वस्तीकरण गतिविधियों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसको लेकर वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग की बैठक हुई। इसमें ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान के तीसरे स्तर को लागू कर दिया गया। हालांकि कुछ श्रेणी में शर्तों के साथ छूट दी गई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार आगामी 31 अक्तूबर और एक नवंबर के बीच प्रदूषण का स्तर रेड जोन में पहुंच सकता है।पड़ोसी राज्यों में जल रही पराली व अन्य कारणों से दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है। डॉक्टरों ने सुबह के समय बुजुर्गों व बच्चों को बाहर न जाने की सलाह दी है। साथ ही सांस के मरीजों को विशेष रूप से सतर्क रहने की चेतावनी दी है।शनिवार को दिल्ली में प्रदूषण स्तर 397 पहुंच गया, जो इस सीजन का सबसे अधिक स्तर है।जबकि एनसीआर में 350 से 400 के बीच प्रदूषण का स्तर रहा।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की माने तो आने वाले दिनों में भी प्रदूषण से कोई राहत की उम्मीद नहीं है। रविवार तक दिल्ली में वायु गुणवत्ता बेहद गंभीर श्रेणी में रहने की आशंका है। वहीं अगले दो दिनों में प्रदूषण के स्तर में और बढ़त हो सकती है। माना जा रहा है कि 31 अक्तूबर से एक नवंबर तक दिल्ली में प्रदूषण स्तर रेड जोन में पहुंच जाएगा। रविवार और सोमवार को दिल्ली में उत्तर-पश्चिम/दक्षिण-पूर्व दिशा आठ किमी की स्पीड से हवाएं चल सकती हैं।