भारतीय हवाईअड्डों पर सुरक्षा व्यवस्था में बड़ा बदलाव किया है। अधिकारियों ने बताया कि विमानन सुरक्षा नियामक बीसीएएस द्वारा तैयार की गई ये योजना से कुल 3,049 सीआईएसएफ विमानन सुरक्षा पद समाप्त हो जाएंगे। 1,924 निजी सुरक्षाकर्मी इनकी जगह लेगें। इसके अलावा सीसीटीवी कैमरों और बैगेज स्कैनर जैसी स्मार्ट निगरानी तकनीक का भी प्रयोग किया जाएगा। अक वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि इस नए सुरक्षा ढांचे से न केवल विमानन क्षेत्र में 1,900 से अधिक नौकरियां पैदा होंगी बल्कि यह सीआईएसएफ के लिए मौजूदा और नए हवाई अड्डों पर उनकी बढ़ती विमानन सुरक्षा शुल्क आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अधिक लोग साथ आएंगे।

एक दूसरे अधिकारी ने बताया कि निजी सुरक्षा कर्मियों को दिल्ली, मुंबई और अन्य हवाई अड्डों पर गैर-संवेदनशील कामों  के लिए तैनात किया जा रहा है। इनमें कतार प्रबंधन, एयरलाइंस के कर्मचारियों और यात्रियों को सुरक्षा सहायता और टर्मिनल क्षेत्र के भीतर एंट्री और इग्जिट प्वाइंट पर काम करना आदि शामिल हैं। उन्होंने बताया कि प्रवेश के समय यात्रियों की जानकारी की जांच, यात्रियों की तलाशी, तोड़फोड़ रोधी अभ्यास, सेकेंडरी लैडर प्वाइंट जांच और शहर और हवाई क्षेत्र के हवाई अड्डों को आतंकवाद रोधी कवर मुहैया कराने के अपने मुख्य कार्य को सीआईएसएफ जारी रखेगा।

सीआईएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया किवर्तमान में 65 नागरिक हवाई अड्डों की सुरक्षा के लिए तैनात सीआईएसएफ के 33,000 एएसजी जवान तैनात हैं। इनमें से समाप्त किए गए 3,049 पदों में से 1,924 पदों पर निजी सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया जाएगा। नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो के संयुक्त महानिदेशक (जेडीजी) जयदीप प्रसाद ने बताया कि हवाईअड्डों पर अब स्मार्ट सुरक्षा प्रौद्योगिकी की उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए यह फैसला किया गया है।