भोपाल। प्रदेश के वातावरण में बड़े पैमाने में नमी मौजूद रहने के कारण धूप निकलने के बाद गरज-चमक के साथ छिटपुट वर्षा होने की भी संभावना बनी रहेगी।  मौसम विभाग के अनुसार, मानसून प्रणालियों के कमजोर पड़ने और मानसून ट्रफ के भी हिमालय की तरफ खिसकने के कारण अभी दो तीन-दिन तक वर्षा की गतिविधियों में कमी आएगी। मौसम विज्ञान केंद्र के मौसम विज्ञानी एसएन साहू के मुताबिक इस सीजन में मध्य प्रदेश में शनिवार सुबह साढ़े आठ बजे तक 1109 मिमी. वर्षा हो चुकी है। यह अभी तक होने वाली सामान्य वर्षा (905.3 मिमी.) की तुलना में 22 प्रतिशत अधिक हैं। हालांकि अभी भी प्रदेश के तीन जिलों आलीराजपुर, सीधी एवं रीवा में सामान्य से काफी कम वर्षा हुई है। पिछले चार दिनों से अलग-अलग स्थानों पर सक्रिय मौसम प्रणालियों के कमजोर पड़ जाने के कारण वर्षा की गतिविधियों में कमी आ गई है।पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला के अनुसार, उत्तर प्रदेश के मध्य में सक्रिय गहरा कम दबाव का क्षेत्र अब उत्तरी उत्तर प्रदेश की तरफ बढ़ गया है। वह कमजोर पड़ने के बाद हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात के रूप में परिवर्तित हो गया है। मानसून ट्रफ भी अब हिमालय की तरफ खिसकने लगा है। वर्तमान में मानसून ट्रफ गंगानगर, हिसार, मेरठ, लखनऊ, गया, पुरुलिया, दीघा से होकर बंगाल की खाड़ी तक बना हुआ है। इसी तरह हवा के ऊपरी भाग में एक अन्य ट्रफ अरब सागर से सिर्फ गुजरात तक बना है। मौसम प्रणालियों के कमजोर पड़ने से अभी दो-तीन दिन तक वर्षा होने के आसार कम ही हैं। हालांकि तापमान बढ़ने की स्थिति में कहीं-कहीं गरज-चमक के साथ छिटपुट वर्षा हो सकती है। बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बनने के बाद 20 सितंबर से एक बार फिर प्रदेश में वर्षा की गतिविधियों में तेजी आने की संभावना है।उधर शनिवार को सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक खंडवा में 27, उमरिया में छह, छिंदवाड़ा में एक, सतना में एक, जबलपुर में 0.8 मिलीमीटर वर्षा हुई। ग्वालियर में बूंदाबांदी हुई।