भोपाल । प्रदेश के नरसिंहपुर जिले की गोटेगांव तहसील के झोंतेश्वर में ब्रह्मलीन शंकराचार्य स्वामी स्वरुपानंद सरस्वती की पार्थिव देह को अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है। यहां शंकराचार्य जी के दर्शन करने देश प्रदेश से श्रद्धालुओं का आना हो गया है। आश्रम प्रबंधन के अनुसार शंकराचार्य के निधन के बाद समाधि कार्यक्रम सोमवार की शाम चार बजे परमहंसी गंगा आश्रम में होगा। शंकराचार्य के निधन की खबर से संपूर्ण क्षेत्र में शोक का माहौल है। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने भी उनके निधन पर शोक व्‍यक्‍त किया है। शंकराचार्य के देवलोकगमन से हर तरफ शोक का माहौल है। जानकारी अनुसार शंकराचार्य की पार्थिव देह को भू-समाधि देने से पहले सभी पवित्र नदियों के जल व दूध से महास्नान कराया जाएगा। इसके उपरांत पालकी यात्रा कर उनको भगवती त्रिपुरसुंदरी के दर्शन कराने के बाद मंदिर के पास ही तैयार कराए गए स्थल पर विभिन्न मठों, पीठों से आ रहे विद्ववानों की मौजूदगी में शास्त्र विधि अनुसार भू समाधि दी जाएगी। शंकराचार्यजी के अंतिम दर्शन के लिए मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ, दिग्विजय सिंह, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल, फग्गन सिंह कुलस्ते, पूर्व मंत्री सुरेश पचौरी, राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा, छग से रविन्द्र चौबे सहित कई जनप्रतिनिधियों का आना हो रहा है। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के आने की संभावना भी जताई जा रही है। हालांकि अब तक इसकी कोई अधिकृत सूचना नही आई है। अपने गुरु के देवलोकगमन से शारदा पीठ के उत्तराधिकारी सदानन्द सरस्वती भावकु हैं और उनकी आंखों से आंसू छलके। मीडिया से बातचीत में दंडी स्वामी ने कहा गुरु तत्व सदैव विद्यमान रहता है। वह हम सबके ह्रदय में हमेशा रहेंगे। उनकी कमी की पूर्ति कोई नहीं कर सकता। उनके द्वारा दिए गए उपदेशों और शिक्षा के मार्ग पर चलकर देश को आध्यात्मिक उत्थान के मार्ग पर ले जाने का जारी प्रयास जारी रहेगा।