अयोध्या । प्रभु श्रीराम की नगरी अयोध्या में रामलला के जन्म स्थली पर राम मंदिर का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। रामलला के गर्भगृह का निर्माण का 40 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। गर्भगृह के निर्माण में तराशे गए पत्थरों को एक के बाद एक सात सतह में लगाया है। मंदिर निर्माण की प्रगति पर संतुष्टि जाहिर कर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि पत्थरों से निर्माण किए जा रहे मंदिर का संपूर्ण कार्य एक साथ किया जा रहा है।
मंदिर के प्रथम तल में प्रवेश द्वार से लेकर सिंह मंडप तक गर्भगृह के साथ निर्माण किए जाएंगे। सूत्रों की माने तब इसके बाद 166 स्तंभों का निर्माण कार्य शुरू होगा है। इस लेकर गर्भगृह सहित पूरे मंदिर के प्रथम तल निर्माण को बारीकी से कराया जा रहा है। मंदिर दीर्घायु हो इसके लिए वैज्ञानिक पद्धति से मंदिर बनाया जा रहा है। जिसके लिए जरूरी है कि मंदिरों की हर एक परत एक लेयर में हो। जिसमें 1 मिलीमीटर का भी अंतर नहीं होना चाहिए। इसकारण तय मानक के अनुरूप मंदिर निर्माण एक्सपर्ट की देखरेख में चल रहा है।
राम जन्मभूमि में रामलला का मंदिर दिसंबर 2023 तक बनकर तैयार होना है। मंदिर के प्रथम तल का निर्माण कार्य किया जा रहा है। जिस लेकर एलएनटी और टाटा के इंजीनियर 24 घंटे कार्य कर रहे हैं। मंदिर निर्माण में भूतल पर पूरब-पश्चिम दिशा में लंबाई 380 फिट है। भूतल पर उत्तर दक्षिण दिशा में चौड़ाई 250 फीट है। जिसमें बलुआ पत्थर के 166 स्तंभ, प्रथम तल में 144 और दूसरे तल में 82 स्तंभ बनाए जाएंगे यानी मंदिर में कुल 392 स्तंभ होने हैं। श्री राम जन्म तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव राय ने कहा कि पत्थर से बन रहे मंदिर का संपूर्ण काम एक साथ किया जाता है। पत्थर से बनाए जाने वाले मंदिर के निर्माण का काम टुकड़ों में नहीं होगा। इसलिए मंदिर के प्रत्येक तल का निर्माण एक साथ हो रहा है। जिसमें प्रमुख तौर पर गर्भ गृह के साथ प्रवेश द्वार, रंग मंडप बनाया जा रहा है। प्रथम तल के निर्माण के बाद उसकी जांच होगी। ट्रस्ट के महासचिव ने दावा किया कि पत्थर से निर्मित किए जाने वाले मंदिर की प्रत्येक मंजिल 1 सतह में होगी, उसमें 1 मिमी का भी अंतर नही होना चाहिए।
राय ने बताया कि मंदिर निर्माण तेज गति से चल रहा है। 40 प्रतिशत से ज्यादा मंदिर निर्माण पूरा हो चुका है। राय ने कहा कि नक्काशीदार पत्थरों की सात सतह एक के ऊपर एक रखी जा चुकी है। निर्माण कार्य प्रक्रिया बहुत ही अच्छी गति से चल रही है। पत्थरों से निर्मित किए गए मंदिर में हर एक लेयर अच्छे से मिलाया जाना बहुत आवश्यक है।