भोपाल । मध्यप्रदेश में झमाझम बारिश का सिलसिला अब थमने लगा है। पूरे प्रदेश में रुक-रुककर बारिश हो रही है, लेकिन यह सिलसिला भी अब धीरे-धीरे थमने लगेगा। प्रदेश में किसी प्रभावी मौसम के सक्रिय नहीं रहने के कारण वर्षा का सिलसिला लगभग थमने लगा है।मौसम विभाग के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में बने एक चक्रवात के असर से पूर्वी मप्र के रीवा, शहडोल संभागों के जिलों में वर्षा होती रहेगी। पश्चिमी मप्र में बादल छंटने लगेंगे एवं धूप निकलेगी। उधर बुधवार को सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक उज्जैन में 0.4, सतना में 0.2, इंदौर में 0.1 मिलीमीटर वर्षा हुई। मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक पिछले दिनों मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों में भारी वर्षा का कारण बना अवदाब का क्षेत्र वर्तमान में कमजोर पड़कर गहरा कम दबाव का क्षेत्र बनकर उत्तर-पूर्वी राजस्थान पर बना है। मानसून ट्रफ उत्तर-पूर्वी राजस्थान पर बनी मौसम प्रणाली से होकर अजमेर, सतना, सीधी से छत्तीसगढ़ होते हुए बंगाल की खाड़ी पर बना हुआ है। वातावरण में नमी धीरे-धीरे कम होने लगी है। इससे बादल छंटने लगे हैं और वर्षा की गतिविधियों में कमी आने लगी है। अभी तीन चार दिन तक मप्र के अधिकतर जिलों में विशेष वर्षा होने की संभावना कम ही है। बता दें कि इस सीजन में बुधवार सुबह साढ़े आठ बजे तक मप्र में कुल 920.9 मिमी. वर्षा हो चुकी है। जो सामान्य वर्षा (718.9 मिमी.) की तुलना में 28 प्रतिशत अधिक है। पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला के अनुसार, वर्तमान में उत्तर-पूर्वी बंगाल की खाड़ी में हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। इस मौसम प्रणाली के असर से पूर्वी मप्र के रीवा, शहडोल संभागों के जिलों में कहीं-कहीं वर्षा हो रही है। इन संभागों में गुरुवार से वर्षा की गतिविधियों में और तेजी आने के भी आसार हैं। बंगाल की खाड़ी में बना चक्रवात शुक्रवार को कम दबाव के क्षेत्र में परिवर्तित हो सकता है। इसके बाद पूर्वी मप्र में कहीं-कहीं भारी वर्षा भी हो सकती है।