उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक शोभन चौधरी ने विभागाध्यक्षों और मंडल रेल प्रबंधकों के साथ कार्य प्रगति की समीक्षा की। गत दिवस हुई समीक्षा बैठक में गतिशीलता में वृद्धि और अन्य विकासात्मक कार्यों व माल लदान जैसे विषयों पर विचार-विमर्श किया गया। कहा, उत्तर रेलवे ने समयपालनबद्धता के बेहतर रिकॉर्ड को बनाए रखा है और रेलगाड़ियों के समय से चलने पर विशेष बल दिया है।

गति हो जाएगी 130 से 160  किलोमीटर प्रतिघंटा

महाप्रबंधक ने नई दिल्ली–हावड़ा और नई दिल्ली-मुंबई रेलमार्ग पर रेलगाड़ियों की गतिसीमा 130 किलोमीटर प्रतिघंटा से बढ़ाकर 160 किलोमीटर प्रतिघंटा करने के कार्यों की प्रगति का भी जायजा लिया। इस काम में तेजी लाने का निर्देश दिया। कहा, संरक्षा उत्तर रेलवे की प्राथमिकता हैं। उन्होंने रेलपथों, वैल्डों के अनुरक्षण मानकों और रेलपथों के निकट पड़े स्क्रैप को हटाने को लेकर किए गए कार्यों की भी समीक्षा की।

कार्यों में तेजी लाने और कार्यों की प्रगति की जांच के निर्देश

शोभन चौधरी ने कहा कि गतिशीलता अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्र है जिस पर नियमित और कड़ी निगरानी की आवश्यकता है। उन्होंने मंडलों को गतिशीलता बढ़ाने संबंधी कार्यों में तेजी लाने और कार्यों की प्रगति की जांच करने के लिए अभियान चलाने के निर्देश दिए। उन्होंने चल रहे मानसून सीजन के दौरान संरक्षा बढ़ाने पर बल दिया और रेल परिचालन के दौरान आने वाली बाधाओं को समाप्त करने के लिए हर संभव प्रयास करने और रेल परिचालन में मानवीय भूलों को न्यूनतम करने पर जोर दिया।

चौधरी ने विभागाध्यक्षों और मंडल रेल प्रबंधकों को रेलगाड़ियों की समयपालनबद्धता में और सुधार करने और संरक्षा को प्राथमिकता देते हुए माल लदान की गति को बनाए रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा, माल ढुलाई लदान में होने वाली वृद्धि इस बात का प्रमाण है कि उत्तर रेलवे अपने ग्राहकों को लागत प्रभावी परिवहन उपलब्ध कराने के प्रति प्रतिबद्ध है।