नई दिल्ली । जी-20 शेरपा और नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि 2035-2040 के बीच वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद में भारत का योगदान 30 प्रतिशत तक होने की संभावना है। नई दिल्ली में आयोजित एक बिजनेस समिट में कांत ने कहा कि ढांचागत सुधारों ने देश को कमजोर 5 से शीर्ष 5 में पहुंचा दिया है। उन्होंने कहा कि क्षेत्रों में हुए भारी सुधारों के कारण पिछली तीन तिमाहियों में लगभग 8.4 प्रतिशत की दर से वृद्धि हुई है। कांत ने वैश्वीकरण का भविष्य: भारतीय उद्योग के लिए चुनौतियां विषय पर अपने संबोधन में कहा, 2027 तक हम जर्मनी और जापान से आगे निकल जाएंगे। विश्लेषकों का यह कहना सही है कि 2035-2040 के बीच वैश्विक जीडीपी वृद्धि में भारत का योगादान 30 प्रतिशत तक हो जाएगा। कांत ने विकास में तेजी लाने के लिए भारतीय उद्योग जगत से राज्यों के साथ तालमेल बनाकर काम करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि ऐसा कर 12-13 राज्य प्रति वर्ष 10-11 प्रतिशत की दर से विकास कर सकते हैं। गौरतलब है कि हाल ही में एसएंडपी की ग्लोबल रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत 2030 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बन जाएगा। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि अगले तीन वर्षों में दुनिया में भारत की अर्थव्यवस्था सबसे तेज गति से बढ़ेगी। संयुक्त राष्ट्र ने भी 2024 के लिए भारत के विकास पूर्वानुमान को 6.9 प्रतिशत कर दिया है। इसके पहले जनवरी में 6.2 प्रतिशत का अनुमान लगाया गया था। अभी भारत दुनिया की पांचवीं बड़ी इकॉनमी है। उससे आगे अमेरिका, चीन, जर्मनी और जापान है। माना जा रहा है कि 2030 तक जापान और जर्मनी से भारत आगे निकल जाएगा।